सभी नज़रो का ग़लत अनुमान ,गधा महान

हर बात पे गधा कहना , है कितना आसान
किसी की बेवकूफी पे कहना ये ,है बहुत आम ,
गधा अपने गुणों से है बहुत महान ,
सहनशील ,मेहनती ,धीर ,गंभीर व शांत ,
ये सभी तो है महात्माओं के निशान ,
सीधे ,सादे ,सच्चे लोगो की है पहचान ,
बेचारा गधा ख़ास ,फिर भी है बदनाम ,
वेवज़ह सूली पे लटक रहा सरेआम ,
आगे जब भी दे , किसी को ऐसा सम्मान ,
सोचिये ,आप दे रहे उनको क्या स्थान ?

टिप्पणियाँ

Girish Kumar Billore ने कहा…
सच कहा
आम जीवन का सच यही है
सादर
ज्योति सिंह ने कहा…
shukriya mukul ji, aap mere blog pe aaye iske liye main aabhaari hoon .
daanish ने कहा…
रचना रोचक है ....
क्या होता है ...लेकिन क्या और कैसे होना चाहिए ..
ये सन्देश भी पहुँच रहा है .
बधाई

---मुफलिस---
Yogesh Verma Swapn ने कहा…
jyoti ji, sahi kaha, aage dhyaan rakhenge bhai.
ज्योति सिंह ने कहा…
swapn ji ,muflis ji aap dono ka shukriya .aadmi chup hai iska arth wo webkuf ho yah zaroori to nahi .karm to baraabar kar raha hai .

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