'राजीव के स्मृति में '
आज फिर पलके भीग आई ,
आज फिर खोई पुरवा लौट आई ,
कुछ वर्षो पूर्व जो ,
खो गया अतीत में
आज इतिहास बनकर लहराई ,
वह खौफनाक हादसा जो ,
तुम्हे हमसे जुदा कर गई ,
यही हादसा याद बनकर
आंखों में फिर उतर गई ,
उम्मीद हमें अभी भी है
तुम्हारी वापसी की ,
तुम आओगे उजाला बनकर
शीतल चांदनी का ,
राष्ट्र का कण -कण है ,
अभी भी तुम्हे पुकारता
तुम्हारी याद में हर वर्ष ,
है ये आंसू बहाता ,
इस राष्ट्र को तुम्हारा ही
कर्णधार चाहिए ,
उद्धार हो इस देश का
ऐसा दिव्य पुरूष चाहिए
आज फिर खोई पुरवा लौट आई ,
कुछ वर्षो पूर्व जो ,
खो गया अतीत में
आज इतिहास बनकर लहराई ,
वह खौफनाक हादसा जो ,
तुम्हे हमसे जुदा कर गई ,
यही हादसा याद बनकर
आंखों में फिर उतर गई ,
उम्मीद हमें अभी भी है
तुम्हारी वापसी की ,
तुम आओगे उजाला बनकर
शीतल चांदनी का ,
राष्ट्र का कण -कण है ,
अभी भी तुम्हे पुकारता
तुम्हारी याद में हर वर्ष ,
है ये आंसू बहाता ,
इस राष्ट्र को तुम्हारा ही
कर्णधार चाहिए ,
उद्धार हो इस देश का
ऐसा दिव्य पुरूष चाहिए
टिप्पणियाँ
sunder rachna.