आशा की किरण

तुम दुआ हो हमारे
या अँधेरी रात में
जगमगाते सितारे ,
हवा से जहाँ
बुझ गए दिए ,
वहां जुगनू बन
राह रो़शन किए ,
तुम्हारी हक अदायगी
व दीवानगी पे ,
हमने सर ही नही ,
दिल भी झुका दिए

टिप्पणियाँ

के सी ने कहा…
nice poem Jyoti ji
ज्योति सिंह ने कहा…
sab aaplogo ki duayen hai .shukriya .
कई रंगों को समेटे एक खूबसूरत भाव दर्शाती बढ़िया कविता...बधाई

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