अपनी गलती का अहसास तो ,
है सही ,
ये भी कम बात नही ,
हम किसी की भावना समझ सके ,
उसकी अच्छाइयों को परख सके ,
साथ देने की कोई हद नही ,
रिश्तो के मापदंड का कोई कद नही ,
हम किसी की गलतियों को दोहराए ,
ये बात भी कुछ ठीक नही ,
गलतियाँ हमें कुछ सिखलाये ,
जीवन दर्शन तो है यही सही
4 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर समीक्षा भावो की .
बधाई
dhanyawaad shobhna ji .aap mere blog pe aai iske liye mein aapki aabhari hoon .
सुन्दर कविता लिखी है बधाई
shukriya kishore ji .aap jis jagah se jude hai waha to mera bachpan gujra hai .
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